कौन थे महात्मा विदुर !

कौन थे महात्मा विदुर !


एक समय किसी राजा के अनुचरो ने कुछ चोरो को माण्डव्य ऋषि के आश्रम पर पकड़ा | उन्होंने समझा कि ऋषि भी चोरी शामिल होंगे अतः उन्हें भी पकड़ लिया गया और राजज्ञा से सबके साथ उनको भी सूली पर चढ़ा दिया गया | राजा को पता लगते ही कि ये महात्मा है - ऋषि को सूली से उतरवा दिया और हाथ जोड़कर उनसे  क्षमा प्रार्थना की |

फिर माण्डव्य जी ने यमराज के  पास जा कर पूछा - मुझे किस पाप के फलस्वरूप यह दण्ड मिला ? यमराज ने बताया कि लड़कपन में आपने एक टिड्डी को कुश की नोक से छेद किया था , इसलिए ऐसा हुआ | इस पर मुनि ने कहा - मैंने ऐसा अज्ञानवश किया होगा , उस अपराध क लिए तुमने मुझे कठोर दण्ड दिया | इसलिए तुम सौ वर्ष तक शूद्रयोनि में रहोगे | माण्डव्य जी के इस शाप से ही यमराज ने विदुर के रूप में अवतार लिया था !

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