जीवन का अंतिम लक्ष्य मुक्ति है कि फिर उसे लौटना न पड़े और यह मुक्ति जीव को तभी प्राप्त होती है जब वह त्रिगुणात्मक प्रकृति का त्याग कर देता है , जीव को मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रकृति से स्वयं को अलग करना अनिवार्य है इसलिए विषयो आदि से अनासक्त होना आवश्यक है इसके लिए आत्मज्ञान का आश्रय करना चाहिए
आत्मकल्याण ही परम कल्याण है और गीता में भगवन कृष्णा यही सन्देश देते है मनुष्य का कर्तव्य है कि वह स्वयं का उद्धार करे
आत्मकल्याण ही परम कल्याण है और गीता में भगवन कृष्णा यही सन्देश देते है मनुष्य का कर्तव्य है कि वह स्वयं का उद्धार करे
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