क्यों भगवान् के अवतार ही होते है महान
वो ऐसा क्या करते है जो सामान्य मनुष्य नहीं करता या भगवान् को अवतार धारण करके उदाहरण प्रस्तुत करना पड़ता है|
यदि हम सभी महान व्यक्तियों को जीवन को देखे तो जो एक बात सबमे में common होती है वह यह की इन्होने अपने जीवन में होने वाली अच्छी या बुरी घटनाओ , अच्छे या ख़राब अनुभवों का प्रभाव अपने भविष्य के कर्मो पर कभी पड़ने नहीं दिया शायद यही सबसे बड़ा अंतर होता है एक महान व्यक्तित्व और सामान्य व्यक्तित्व में | अब प्रश्न यह उठता है
की हमारे साथ होने वाले अच्छे या ख़राब अनुभवों का अपने ऊपर प्रभाव पड़ने से रोका कैसे जाये तो यह संभव है जब हम अपने निर्णय भावनाओ की नहीं चेतना , बुद्धि और विवेक की ऊँगली पकड़ कर ले क्यों कि यही हमें सही और महानता के मार्ग की और ले जाएँगी | भावनाये हमें अपने मार्ग से भटका देती है | emotions हमें उस मार्ग पर नहीं ले जा सकते जहा सफलता हमारी राह देख रही होती है | भगवद गीता में श्री कृष्ण ने मानव जीवन का पूरा सार बता दिया है किन्तु अन्त में उन्होंने यही कहा है की उन्हें ज्ञानी भक्त अधिक प्रिय है | मनुष्य को कल्याण के मार्ग पर उसके विवेक के नेत्र ही ले जा सकते है
यदि हम सभी महान व्यक्तियों को जीवन को देखे तो जो एक बात सबमे में common होती है वह यह की इन्होने अपने जीवन में होने वाली अच्छी या बुरी घटनाओ , अच्छे या ख़राब अनुभवों का प्रभाव अपने भविष्य के कर्मो पर कभी पड़ने नहीं दिया शायद यही सबसे बड़ा अंतर होता है एक महान व्यक्तित्व और सामान्य व्यक्तित्व में | अब प्रश्न यह उठता है
की हमारे साथ होने वाले अच्छे या ख़राब अनुभवों का अपने ऊपर प्रभाव पड़ने से रोका कैसे जाये तो यह संभव है जब हम अपने निर्णय भावनाओ की नहीं चेतना , बुद्धि और विवेक की ऊँगली पकड़ कर ले क्यों कि यही हमें सही और महानता के मार्ग की और ले जाएँगी | भावनाये हमें अपने मार्ग से भटका देती है | emotions हमें उस मार्ग पर नहीं ले जा सकते जहा सफलता हमारी राह देख रही होती है | भगवद गीता में श्री कृष्ण ने मानव जीवन का पूरा सार बता दिया है किन्तु अन्त में उन्होंने यही कहा है की उन्हें ज्ञानी भक्त अधिक प्रिय है | मनुष्य को कल्याण के मार्ग पर उसके विवेक के नेत्र ही ले जा सकते है
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